SHIV CHAISA - AN OVERVIEW

Shiv chaisa - An Overview

Shiv chaisa - An Overview

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थोड़ा जल स्वयं पी लें और मिश्री प्रसाद के रूप में बांट दें।

कभी-कभी भक्ति करने को मन नहीं करता? - प्रेरक कहानी

Lord, when the ocean was churned plus the lethal poison emerged, out of the deep compassion for all, You drank the poison and saved the planet from destruction. Your throat turned blue, As a result You might be often known as Nilakantha.

महाभारत काल से दिल्ली के प्रसिद्ध मंदिर

देवन जबहीं जाय पुकारा। तब ही दुख प्रभु आप निवारा॥

किसी भी वजह से मन में कोई भय हो तो शिव चालीसा का पाठ करे।

अर्थ: हे शिव शंकर आप तो संकटों का नाश करने वाले हो, भक्तों का कल्याण व बाधाओं को दूर करने वाले हो योगी यति ऋषि मुनि सभी आपका ध्यान लगाते हैं। शारद नारद सभी आपको शीश नवाते हैं।

अर्थ: जो कोई भी धूप, दीप, नैवेद्य चढाकर भगवान शंकर के सामने इस पाठ को सुनाता है, भगवान भोलेनाथ उसके जन्म-जन्मांतर के पापों का नाश करते हैं। अंतकाल में भगवान शिव के धाम शिवपुर अर्थात स्वर्ग की प्राप्ति होती है, उसे मोक्ष मिलता है। अयोध्यादास को प्रभु आपकी आस है, आप तो सबकुछ जानते हैं, इसलिए हमारे सारे दुख दूर करो भगवन।

कीन्ह दया तहँ करी सहाई। नीलकण्ठ तब नाम कहाई॥

करत कृपा सब के घटवासी ॥ दुष्ट सकल नित मोहि सतावै ।

पूजन रामचंद्र जब कीन्हा। जीत के लंक विभीषण दीन्हा॥

त्रयोदशी व्रत करै हमेशा। ताके तन नहीं रहै कलेशा॥

कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥

शिव चालीसा के सरल शब्दों से भगवान शिव को आसानी से प्रसन्न किया more info जा सकता है।

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